उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा जितेंद्र नारायण पर UAPA का मामला नहीं बनता
हाल
ही
में
हरिद्वार
की
धर्म
संसद
में ,इस्लाम
धर्म
को
छोड़कर
हिंदू
धर्म
को
अपनाने
वाले
जितेंद्र
नारायण
त्यागी
(पूर्व
वसीम
रिजवी) का एक वीडियो फेसबुक
पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने मुस्लिमों को लेकर बयान दिया, जिस पर बाद में विवाद
उठ खड़ा हुआ | बता दें कि हरिद्वार के भूपतवाला क्षेत्र में 17 से 19 दिसंबर के बीच
एक धर्म संसद का आयोजन किया गया, इस धर्म संसद के आयोजक जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर
यती नरसिंहानंद सरस्वती थे | इसी आयोजन में मुस्लिमों के खिलाफ बयानबाजी का आरोप लगा
था, जिसके चलते हरिद्वार के एक स्थानीय निवासी गुलबहार खान की शिकायत पर जितेंद्र नारायण
अन्य के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है | बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल
हुआ था और वीडियो के दौरान बच्चों के हाथ में तलवार और त्रिशूल भी देखने को मिले |
“द हिंदू” की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के डीजीपी,
अशोक कुमार ने बताया है कि जितेंद्र नारायण के बयान से किसी की हत्या या हिंसा नहीं
हुई इसलिए इस मामले में UAPA एक्ट नहीं लागू होता है | इसके साथ उन्होंने यह भी बताया
कि विवादित वीडियो फेसबुक से हटा दिया गया है पुलिस नियम अनुसार कार्रवाई कर रही है | आयोजन के दौरान बच्चों के हाथों
में तलवार और त्रिशूल के संदर्भ में भी डीजीपी ने बोला है कि, यह उनकी परंपरा है, वहां
कोई हथियारों की खरीद-फरोख्त नहीं हो रही थी और ना ही ऐसी कोई फैक्ट्री मिली है | अभी
तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है | पुलिस ने जितेंद्र नारायण पर एक अन्य
केस दर्ज कर रखा है जिसमें उन पर अपनी किताब "मोहम्मद" के माध्यम से मुस्लिम समुदाय की
भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है |
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