नहीं मिला न्याय
जम्मू कश्मीर लोक सेवा आयोग के द्वारा 2017 में हुई भर्ती में जम्मू के अजय कुमार के साथ भेदभाव हुआ और आज तक अजय कुमार जी को न्याय नहीं मिल पाया | वह आज भी आवाज उठा बहुत रहे हैं ,लेकिन कहीं से कोई बात नहीं सुनी जा रही |
अगर संक्षिप्त में बात की जाए तो मामला इस प्रकार है कि अजय कुमार जो कि जम्मू-कश्मीर के जिला राजौरी के सीमावर्ती क्षेत्र का रहने वाला है उसने सहायक प्रोफेसर ज्योग्राफी(Assistant Professor Geography) के लिए 2017 में फॉर्म भरा जिसमें जम्मू एंड कश्मीर पब्लिक सर्विस कमीशन ने सोची-समझी साजिश के तहत अजय कुमार को इंटरव्यू में नहीं बुलाया जबकि अजय कुमार का मैरिट लिस्ट में नाम था और एक साईमा अली जिसका मैरिट लिस्ट में नाम न होते हुए भी इंटरव्यू के लिए बुला लिया।
2019 में जब पहली बार इंटरव्यू हुआ था, जिसमें अजय कुमार को इंटरव्यू में नहीं बुलाया गया था ,तब अजय कुमार ने एक आरटीआई लगाई थी कि साइमा अली जोकि ओपन मैरिट की होने पर भी उसको ऐ एल सी (ALC ) कैटेगरी में अजय कुमार के स्थान पर इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था |
अजय कुमार ने आर टी आई में पूछा था कि उसको किस कैटेगरी के तहत बुलाया गया है, जिसमें उन्होंने यानि कि जम्मू कश्मीर लोक सेवा आयोग (JKPSC) ने कोई सेटिस्फेक्ट्री जवाब नहीं दिया था, कहा था कि अभी सलैकशन प्रोसेस कम्प्लीट नही है और जो जानकारी मांगी गई है वह थर्ड पार्टी जानकारी है जो दी नहीं जा सकती | जब अजय कुमार ने आवाज उठाई (Written to PMO, President Secretariat, Home Ministry, Social Justice and Empowerment Ministry, CBI, Anti Corruption Bureau, HRD Ministry, Div Com Jammu, MP Jugal Kishore Sharma and many more ), सामाजिक लोगों ने लगभग 400 विडियो इंटरव्यू सोशल मीडिया पर अपलोड किए कि अजय कुमार के साथ अन्याय हुआ है उसके साथ न्याय होना चाहिए तो इंटरव्यू फिर से कंडक्ट हुआ।
इस बार जम्मू कश्मीर लोक सेवा आयोग ने फिर से एक साजिश के तहत इंटरव्यू बोर्ड में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से प्रो शाहाब फजल को एक्सपर्ट के तौर पर बुलाया और उसने अजय के मैरिट को इग्नोर करके कासिम मीर को सलैकट कर लिया क्योंकि कासिम मीर प्रो शाहाब फ़ज़ल का ही स्टूडेंट था इसका सबूत( मोहम्मद कासिम मीर की ऑडियो रिकॉर्डिंग जिसमें कासिम मान रहा है कि प्रोफेसर शाहब फजल ने इंटरव्यू में उसे एक ही टॉपिक पर 30 क्वेश्चन पूछे हैं और उसका फेवर किया है) वह आडियो रिकॉर्डिंग अजय कुमार के पास है। एक रिप्रेजेंटेशन ऑडियो रिकॉर्डिंग सबूत के साथ अजय कुमार ने जम्मू-कश्मीर पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन को दिया लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही किए बिना, उन्होंने नौकरी जो असिस्टेंट प्रोफेसर की थी , कासिम मीर को दे दी |
अजय कुमार ने फिर से जनवरी 2021 में सलैकशन लिस्ट आने के बाद आरटीआई लगाई कि जो व्यक्ति सिलेक्ट हुआ है उसके डॉक्यूमेंट की कॉपी दी जाए और साथ में उसने जो कान्फ्रेंस सेमिनार, रिसर्च पेपर और बुक चैप्टर लिखे हैं उसका भी ब्यौरा दिया जाए जिसका जवाब जेकेपीएससी ने अभी तक (May 2021) नहीं दिया है। जेकेपीएससी ने स्वयं एक एक हफ्ते के अंदर रिप्रेजेंटेशन देने के लिए कहा था,जब सिलेक्शन लिस्ट आई थी तब अजय कुमार ने रिप्रेजेंटेशन दी लेकिन उसका भी जवाब आज तक जम्मू एंड कश्मीर पब्लिक सर्विस कमीशन ने नहीं दिया है | एक एक्सपर्ट द्वारा अपने ही स्टूडेंट का इंटरव्यू लेना कनफ्लिक्ट आफ इंटरैस्ट में आता है। अजय कुमार जी चाहते हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए और न्याय किया जाए |
लेखक
रॉकी खजूरिया
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