Tuesday, February 22, 2022

क्या आप जानते हैं ,पशु पक्षी पेड़-पौधे ऋषि कश्यप की संतान हैं

                              ऋषि कश्यप और उनका वंश विस्तार




पुराणों में बार-बार ऋषि कश्यप के बारे में लिखा हुआ है, आइए जानते हैं कौन थे ऋषि कश्यप। वर्तमान सप्तम वैवस्वत मन्वन्तर में सप्त ऋशि हुए हैं इन्हीं ऋषियों में ऋशि कश्यप का नाम आता है। पुराणों में जब सृष्टि की बात चलती है तो इसका अर्थ होता है जीव जंतु या मानव की उत्पत्ति। ऋषि कश्यप अपने कुल का विस्तार करने वाले पहले मनुष्य हैं। वे ब्रह्मा के मानस पुत्र मारीची के विद्वान पुत्र थे। इन्हें अनिष्टनेमी के नाम से भी जाना जाता है। इनकी माता कला कर्दम ऋषि की पुत्री और कपिल देव की बहन थी। कश्यप ऋषि को ऋषि-मुनियों में श्रेष्ठ माना गया है। पुराणों के अनुसार हम सभी कश्यप ऋषि की संतान हैं। ऋषि कश्यप का आश्रम मेरु पर्वत के शिखर पर था, जहां वे परब्रह्मा परमात्मा के ध्यान में लीन रहते थे। पुराणों के अनुसार धरती पर सर्वप्रथम भगवान ब्रह्मा जी प्रकट हुए, ब्रह्मा जी से दक्ष प्रजापति का जन्म हुआ। ब्रह्मा के निवेदन पर दक्ष प्रजापति और उनकी पत्नी असिक्नी 66 कन्याओं के माता-पिता बने। इन कन्याओं में से 13 कन्याएं कश्यप ऋषि की पत्नियां बनीं। इन्हीं कन्याओं से सृष्टि का विकास हुआ और कश्यप सृष्टिकर्ता कहलाए। सप्त ऋषियों में प्रमुख ऋषि कश्यप की अदिति, दिति, दनु, काष्ठा, अरिष्टा, सुरसा आदि पत्नियां बनीं। कश्यप ने अपने पत्नी अदिति के गर्भ से 12 आदित्यों को जन्म दिया, जिनमें भगवान् नारायण का वामन अवतार भी शामिल था। ऋषि कश्यप के पुत्र विस्वान से मनु का जन्म हुआ। मनु को इक्ष्वाकु दिष्ट, करूश पृशध्र नामक दस श्रेश्ठ पुत्रों की प्रप्ति हुई। कश्यप ऋषि ने दिति के गर्भ से हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष नामक दो पुत्र एवं सिंहिका नामक एक पुत्री को जन्म दिया। हिरण्यकश्यप के 4 पुत्र थे- अनुहल्लाद, हल्लाद, भक्त प्रल्हाद और सहल्लाद। ऋषि कश्यप को उनकी एक पत्नी से शंभर अरिष्ट शम्बर, अरिष्ट हयग्रीव, विभावसु, अरुण कपील आदि 61 पुत्रों का जन्म हुआ।



                            Rishi Kashayp Faimly Tree



कश्यप ऋषि की अन्य पत्नियों से विभिन्न प्राणियों का जन्म हुआ। जैसे रानी काष्ठा से घोड़े आदि एक खुर वाले पशु उत्पन्न हुए। पत्नी अरिष्टा से गंधर्व पैदा हुए। सुरसा नामक रानी से राक्षस उत्पन्न हुए, इला से वृक्ष लता आदि पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाली वनस्पतियों का जन्म हुआ। मुनि के गर्भ से अप्सराएं जन्मीं। कश्यप की क्त्रोधवषा नामक रानी ने सांप, बिच्छू, विषैले जंतु पैदा किए। ताम्रा ने बीज, गिद्ध आदि शिकारी पक्षियों को अपनी संतान के रूप में जन्म दिया। सुरभि ने भैंस, गाय तथा दो खुर वाले पशुओं की उत्पत्ति की। रानी सरसा ने बाघ आदि हिंसक जीवों को पैदा किया। तिमि ने जलचर जीवों को जन्म दिया। रानी विनता के गर्भ से गरुड़ विष्णु का वाहन और वरुण सूर्य का सारथी पैदा हुए। कद्रु की कोख से बहुत से नागों की उत्पत्ति हुई, रानी पतंगी से पक्षियों का जन्म हुआ। यामिनी के गर्भ से षलभों का जन्म हुआ। प्रजापति कश्यप ने वैश्वानर की दो पुत्रियां पुलोना और कालका के साथ भी विवाह किया। उनसे पौलोम और कालकेय के नाम के 60 हजार रणवीर दानवों का जन्म हुआ। माना जाता है कि कश्यप ऋषि के नाम पर ही कश्मीर का प्राचीन नाम था। समूचे कश्मीर पर ऋषि कश्यप और उनके पुत्रों का ही शासन था। कश्यप ऋषि का इतिहास प्राचीन माना जाता है।

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