माउंट एवरेस्ट के रोचक तथ्य
आज हम आपको दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे ।
समुंदर तल से माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर है और यह नेपाल में स्थित है । एवरेस्ट पर्वत का नाम इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक एवरेस्ट के नाम पर रखा गया है। जिस ने 13 साल तक, भारत की सबसे ऊंची चोटियों का सर्वेक्षण किया था। आज तक 19 भारतीयों ने एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता हासिल की है। इसकी चोटी तक पहुंचने के लिए 18 अलग-अलग रास्ते मौजूद है। अप्रैल 2015 में आए भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई एक इंच कम हुई है। एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए पहले लोगों को लगभग 1500000 रुपए फीस देनी होती थी लेकिन 2015 में आने वाली सरकार ने इसे कम करके लगभग 700000 कर दी। एवरेस्ट की चोटी पर हवा की रफ्तार 321 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है और यहां का तापमान माइनस 80 डिग्री पर नाइट तक जा सकता है। एवरेस्ट पर 130 टन कचरा मौजूद है इसमें अक्सीजन टेंक, टेंट आदि सामान शामिल है। 2008 से 2011 तक एवरेस्ट पर चलाएं सफाई अभियान में 400 किलोग्राम कचरा हटा दिया गया है। पिछले 45 सालों में सिर्फ 2015 को छोड़कर कोई ऐसा साल नहीं गया जब किसी ने किसी ने एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी ना की हो। 2015 में कोई अभियान इसलिए सफल नहीं हो पाया क्योंकि अप्रैल में नेपाल में 7़8 की तीव्रता से भूकंप आया था। जर्डन रोमेरो दुनिया की सबसे छोटे और यूइचिरो मीरा दुनिया के सबसे बड़े इंसान हैं जिन्होंने एवरेस्ट की चढ़ाई की। इन्होंने यह कारनामा केवल 13 और 80 साल की उम्र में किया। एवरेस्ट पर चढ़ाई चढ़ने का सबसे अच्छा समय है मार्च - मई के बीच क्योंकि इस समय बर्फ ताजा रहती है। आज तक लगभग 5000 लोग एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश कर चुके हैं, उनमें से करीब 280 लोग चढ़ते समय अपनी जान गवा चुके हैं। एवरेस्ट पर्वत की ऊंचाई हर साल लगभग एक इंच बढ़ जाती है। ऐसा एशियन और भारत आस्ट्रेलियन प्लेट टकराने के कारण होता है।
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